Shamsher bahadur singh poet
[MEMRES-5]!
शमशेर बहादुर सिंह
शमशेर बहादुर सिंह13जनवरी 1911 - 12 मई 1993 सम्पूर्ण आधुनिक हिन्दी कविता में एक अति विशिष्ट कवि के रूप में मान्य हैं। हिन्दी कविता में निरन्तर प्रयोगशील रहने वाले, बिम्ब को काव्य-भाषा के रूप में प्रयुक्त करने वाले, प्रेम और सौन्दर्य के कवि तथा अनूठे माँसल ऐन्द्रिय बिम्बों के रचयिता होने पर भी शमशेर आजीवन प्रगतिवादी विचारधारा से जुड़े रहे। दूसरा सप्तक से शुरुआत कर 'चुका भी हूँ नहीं मैं' के लिए साहित्य अकादमी सम्मान पाने वाले शमशेर ने कविता के अलावा निबन्ध, कहानी एवं डायरी विधा में भी लिखा तथा अनुवाद-कार्य के अतिरिक्त हिन्दी-उर्दू शब्दकोश का संपादन भी किया।
जीवन-वृत्त
[संपादित करें]शमशेर का जन्म १३ जनवरी १९११ को देहरादून के एक प्रतिष्ठित जाट परिवार में हुआ था।[4] प्रमाण-पत्रों में उनकी जन्म तारीख ३ जनवरी है।[5] देहरादून उनका ननिहाल था। उनका ददिहाल (पैतृक) गाँव उत्तरप्रदेश के मुज़फ्फ़रनगर जिले का एल्लम था, जहाँ वे कभी नहीं गये।[6] उनके पिता का नाम तारीफ सिंह और माँ का प्रभुदेई था।[7] उनके भाई तेज बहादुर उनसे दो साल छोटे